एक नए शोध में दावा किया गया है कि भूकंप के दौरान चट्टानों के आपस में
घर्षण के कारण बनी नई चट्टानों में हाइड्रोजन पर्याप्त मात्रा में होती है।
इस तरह की भूकंपीय गतिविधि मंगल गृह पर जीवन के लिए जरूरी पर्याप्त
हाइड्रोजन का निर्माण कर सकती है। स्कॉटलैंड के तट पर शोधकर्ताओं ने आउटर
हेब्राइड्स की सक्रिय ‘फॉल्ट लाइनों’ के आसपास बनी चट्टानी संरचनाओं का
अध्ययन किया था। अमेरिका के इन शोधकर्ताओं में येल विश्वविद्यालय के
शोधकर्ता भी शामिल थे।
इस अध्ययन के पहले लेखक और येल के भूविज्ञानी सीन मैकमोहन ने कहा, ‘पिछले शोध से यह पता चला था कि जब भूकंप के दौरान चट्टानें आपस में टकराकर टूटती हैं, तो हाइड्रोजन पैदा होती है। हमारा आकलन यह कहता है कि सक्रिय फॉल्ट लाइनों के आसपास सूक्ष्म जीवों के विकास के लिए पर्याप्त हाइड्रोजन होती है।’ इंसान और अन्य जानवर अपनी एनर्जी मुख्यत: ऑक्सीजन और शर्करा के बीच की क्रिया से लेते हैं, वहीं बैक्टीरिया उर्जा लेने के लिए विभिन्न वैकल्पिक क्रियाओं का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन के ऑक्सीकरण से धरती के भीतर रहने वाले बैक्टीरिया के लिए पर्याप्त मात्रा में एनर्जी पैदा होती है।
मैक मोहन ने कहा, ‘मंगल भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं है लेकिन हमारा अध्ययन दर्शाता है कि ‘मंगल पर आने वाले भूकंपों’ से सूक्ष्मजीवों की छोटी जनसंख्या के लिए एक कम अवधि के लिए पर्याप्त मात्रा में हाइड्रोजन पैदा हो सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘यह मंगल की उपसतह पर जीवन संबंधी तस्वीर का एक पहलू है। वहां जीवन के लिए एनर्जी के अन्य स्रोत भी उपलब्ध हो सकते हैं।’ यह शोधपत्र एस्ट्रोबायोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
http://www.dewmedia.in/2016/09/23/earthquake-of-mars-hydrogen-lead-to-life/
इस अध्ययन के पहले लेखक और येल के भूविज्ञानी सीन मैकमोहन ने कहा, ‘पिछले शोध से यह पता चला था कि जब भूकंप के दौरान चट्टानें आपस में टकराकर टूटती हैं, तो हाइड्रोजन पैदा होती है। हमारा आकलन यह कहता है कि सक्रिय फॉल्ट लाइनों के आसपास सूक्ष्म जीवों के विकास के लिए पर्याप्त हाइड्रोजन होती है।’ इंसान और अन्य जानवर अपनी एनर्जी मुख्यत: ऑक्सीजन और शर्करा के बीच की क्रिया से लेते हैं, वहीं बैक्टीरिया उर्जा लेने के लिए विभिन्न वैकल्पिक क्रियाओं का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए हाइड्रोजन के ऑक्सीकरण से धरती के भीतर रहने वाले बैक्टीरिया के लिए पर्याप्त मात्रा में एनर्जी पैदा होती है।
मैक मोहन ने कहा, ‘मंगल भूकंपीय गतिविधियों के लिहाज से बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं है लेकिन हमारा अध्ययन दर्शाता है कि ‘मंगल पर आने वाले भूकंपों’ से सूक्ष्मजीवों की छोटी जनसंख्या के लिए एक कम अवधि के लिए पर्याप्त मात्रा में हाइड्रोजन पैदा हो सकती है।’ उन्होंने कहा, ‘यह मंगल की उपसतह पर जीवन संबंधी तस्वीर का एक पहलू है। वहां जीवन के लिए एनर्जी के अन्य स्रोत भी उपलब्ध हो सकते हैं।’ यह शोधपत्र एस्ट्रोबायोलॉजी नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
http://www.dewmedia.in/2016/09/23/earthquake-of-mars-hydrogen-lead-to-life/
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